Monday, December 30, 2019

बब्बर शेर को क्रिसमस पर क्या तोहफ़ा मिला?

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब इन चार दोषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.

अब इन चार दो अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक मषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब इन चार दोषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

Friday, December 20, 2019

जामिया मामले पर शाहरुख़ से क्यों पूछे जा रहे हैं सवाल?

बॉलीवुड के किंग शाहरुख़ ख़ान को फ़िल्मों के साथ-साथ रोमांस का भी किंग कहा जाता है. कभी राज बनकर तो कभी राहुल बनकर अपनी ख़ास छवि छोड़ी है शाहरुख़ ख़ान ने.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

लेकिन इन दिनों उनकी चर्चा जामिया से जुड़े मामले को लेकर हो रही है. दरअसल, नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है लेकिन जामिया यूनिवर्सिटी में रविवार को इसे लेकर काफ़ी विवाद हुआ.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इस दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस पर बिना अनुमति प्रवेश कर छात्रों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई का आरोप लगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

राज कपूर की वो रूसी हीरोइन अब कहां हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

शाहरुख ख़ान ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के वर्तमान हालातों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है. जिसके चलते अब उनसे यह सवाल पूछा जाने लगा है कि वो इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इन सब के चलते बॉलीवुड इंडस्ट्री के कई और कलाकारों से ये सवाल-जवाब चल रहा है कि, वो चुप क्यों हैं?

रविवार को अक्षय कुमार से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के ख़िलाफ़ चल रहे प्रोटेस्ट से जुड़ा एक ट्वीट अनजाने में लाइक कर दिया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बाद में अक्षय ने इसे अनलाइक कर दिया, लेकिन वो ट्विटर यूज़र्स के निशाने पर बने हुए हैं. एक यूज़र ने अक्षय को बिना रीढ़ की हड्डी वाला इंसान तक कह डाला, जिसका समर्थन निर्देशक अनुराग कश्यप ने किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

जामिया यूनिवर्सिटी के कड़े विरोध प्रदर्शन के बाद और पुलिस द्वारा छात्रों के साथ ग़लत व्यवहार पर जनता के साथ-साथ बॉलीवुड सेलेब्रिटीज भी अपना ग़ुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

संगीतकार, गीतकार और निर्देशक विशाल भारद्वाज ने भी ट्वीट कर अफ़सोस जताया .मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट का भी समर्थन मिला है. एक्ट्रेस ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर कुछ फ़ोटो शेयर की हैं, जो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल भी हो रही हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली में स्थित भारत का एक प्रमुख सार्वजनिक विश्‍वविद्यालय है. शाहरुख़ ख़ान के अलावा जामिया यूनिवर्सटी की एलुमिनाई में फ़िल्म 83 के निर्देशक कबीर ख़ान, किरण राव, हबीब फ़ैसल, कास्टिंग निर्देशक- लवलीन टंडन, लेखक,अभिनेता, निर्देशक और निर्माता ज़ीशान क़ादरी जैसे बड़े-बड़े नाम शामिल हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

शाहरुख़ ख़ान के वर्कफ्रंट की बात करें तो वो आख़िरी बार 'ज़ीरो' फ़िल्म में नज़र आए थे. अभी वह स्टारप्लस के एक शो 'टेड टॉक' में नज़र आ रहे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बॉलीवुड के किंग शाहरुख़ ख़ान को फ़िल्मों के साथ-साथ रोमांस का भी किंग कहा जाता है. कभी राज बनकर तो कभी राहुल बनकर अपनी ख़ास छवि छोड़ी है शाहरुख़ ख़ान ने.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

लेकिन इन दिनों उनकी चर्चा जामिया से जुड़े मामले को लेकर हो रही है. दरअसल, नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है लेकिन जामिया यूनिवर्सिटी में रविवार को इसे लेकर काफ़ी विवाद हुआ.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इस दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस पर बिना अनुमति प्रवेश कर छात्रों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई का आरोप लगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

राज कपूर की वो रूसी हीरोइन अब कहां हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

शाहरुख ख़ान ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के वर्तमान हालातों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है. जिसके चलते अब उनसे यह सवाल पूछा जाने लगा है कि वो इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इन सब के चलते बॉलीवुड इंडस्ट्री के कई और कलाकारों से ये सवाल-जवाब चल रहा है कि, वो चुप क्यों हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

रविवार को अक्षय कुमार से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के ख़िलाफ़ चल रहे प्रोटेस्ट से जुड़ा एक ट्वीट अनजाने में लाइक कर दिया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बाद में अक्षय ने इसे अनलाइक कर दिया, लेकिन वो ट्विटर यूज़र्स के निशाने पर बने हुए हैं. एक यूज़र ने अक्षय को बिना रीढ़ की हड्डी वाला इंसान तक कह डाला, जिसका समर्थन निर्देशक अनुराग कश्यप ने किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

जामिया यूनिवर्सिटी के कड़े विरोध प्रदर्शन के बाद और पुलिस द्वारा छात्रों के साथ ग़लत व्यवहार पर जनता के साथ-साथ बॉलीवुड सेलेब्रिटीज भी अपना ग़ुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

संगीतकार, गीतकार और निर्देशक विशाल भारद्वाज ने भी ट्वीट कर अफ़सोस जताया .मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट का भी समर्थन मिला है. एक्ट्रेस ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर कुछ फ़ोटो शेयर की हैं, जो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल भी हो रही हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली में स्थित भारत का एक प्रमुख सार्वजनिक विश्‍वविद्यालय है. शाहरुख़ ख़ान के अलावा जामिया यूनिवर्सटी की एलुमिनाई में फ़िल्म 83 के निर्देशक कबीर ख़ान, किरण राव, हबीब फ़ैसल, कास्टिंग निर्देशक- लवलीन टंडन, लेखक,अभिनेता, निर्देशक और निर्माता ज़ीशान क़ादरी जैसे बड़े-बड़े नाम शामिल हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

शाहरुख़ ख़ान के वर्कफ्रंट की बात करें तो वो आख़िरी बार 'ज़ीरो' फ़िल्म में नज़र आए थे. अभी वह स्टारप्लस के एक शो 'टेड टॉक' में नज़र आ रहे हैं. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

Friday, December 13, 2019

पासपोर्ट विवाद: कमल क्या वाक़ई भारत का राष्ट्रीय पुष्प है?

भारतीय विदेश मंत्रालय ने नए भारतीय पासपोर्टों पर कमल का निशान होने के बारे में सफ़ाई देते हुए कमल को देश का राष्ट्रीय पुष्प बताया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पासपोर्ट पर कमल का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में भी उठा था जहाँ कांग्रेस सांसद एमके राघवन ने इसे 'भगवाकरण' की ओर एक और क़दम बताया और सरकार से सवाल किया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसके बाद विदेश मंत्रालय ने सफ़ाई दी है मगर क्या कमल वाक़ई भारत का राष्ट्रीय फूल है?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अपनी प्रेस वार्ता में ये स्पष्टीकरण दिया -मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

"मुझे लगा कि शायद ये स्पष्टीकरण आ गया है...नहीं? देखिए...मैंने भी रिपोर्ट्स ऐसी देखी हैं. देखिए...ये जो सिंबल है...ये सिंबल क्या है? ये सिंबल हमारे राष्ट्रीय पुष्प का है और ये विकसित सुरक्षा फ़ीचर का हिस्सा है. ये फ़र्जी पासपोर्ट्स का पता लगाने के लिए किया गया है...और ये हम बताना नहीं चाहते थे लेकिन चूंकि सवाल आया है तो हमें बताना पड़ रहा है. और ये जो सुरक्षा फ़ीचर्स हैं, नए सुरक्षा फ़ीचर्स हैं, ये इंटरनेशन सिविल एविएशन ऑर्गनाइज़ेशन (ICAO) के दिशा निर्देशों के अनुसार ही लाए गए हैं. और मैं ये भी बता दूं कि कमल के अलावा और भी राष्ट्रीय प्रतीक हैं जो बारी-बारी से इस्तेमाल किए जाएंगे. जैसे कि एक बाघ का सिंबल है. अभी कमल है तो अगले महीने कुछ और आएगा फिर कुछ और आएगा...ये सब प्रतीक बिना किसी निश्चित क्रम के आते रहेंगे. इसमें वो सारे वही प्रतीक हैं जो भारत से जुड़े हुए हैं. जैसे राष्ट्रीय पुष्प हो सकता है, राष्ट्रीय पशु हो सकता है."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

रवीश कुमार ने जो सफ़ाई दी उसके हिसाब से कमल भारत का राष्ट्रीय पुष्प है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

एनसीईआरटी, यूजीसी और भारत सरकार से जुड़ी वेबसाइटों पर भी ऐसा ही बताया जाता रहा है लेकिन इस बारे में कुछ ख़ास स्पष्टता नहीं है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसी साल जुलाई महीने में बीजू जनता दल के राज्यसभा प्रसन्न आचार्य गृह मंत्रालय में राज्यमंत्री से सदन में इसी से जुड़े तीन सवाल पूछे थे:मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

-भारत के राष्ट्रीय पशु, पक्षी और पुष्प कौन से हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

-क्या इस सम्बन्ध में भारत सरकार या किसी अन्य सक्षम प्राधिकरण द्वारा कोई अधिसूचना जारी की गई है?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

-यदि हां, तो अधिसूचना का ब्योरा क्या है?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

- यदि नहीं, तो यूजीसी, एनसीईआरटी और भारत सरकार पोर्टल किस प्रावधान के अन्तर्गत राष्ट्रीय पशु, राष्ट्रीय पक्षी और राष्ट्रीय पुष्प के नाम प्रकाशित कर रहे हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसके जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने ये कहा - "पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 'बाघ'और 'मोर'को क्रमश: राष्ट्रीय पशु और राष्ट्रीय पक्षी के रूप में अधिसूचित किया गया है लेकिन राष्ट्रीय पुष्प के सम्बन्ध में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है.राष्ट्रीय पुष्प के बारे में सम्बन्धित संगठनों से जानकारी एकत्रित की जा रही है और सदन के पटल पर रख दी जाएगी."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

साल 2017 में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आरटीआई एक्टिविस्ट और छात्रा ऐश्वर्या पराशर ने पर्यावरण और वन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले बोटैनिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया से पूछा था कि क्या कमल को भारत का राष्ट्रीय पुष्प घोषित किया गया है?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसके जवाब में उन्हें बताया गया था कि बोटैनिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया ने कभी कमल को भारत का राष्ट्रीय पुष्प नहीं घोषित किया गया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वहीं भारत सरकार से जुड़ी वेबसाइट knowindia.gov.in पर कमल को भारत का राष्ट्रीय पुष्प बताया गया है. स्कूली किताबों में भी कमल को ही भारत का राष्ट्रीय पुष्प बताया गया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

ये भी पढ़ें: इन पांच 'राष्ट्रीय भ्रमों' के शिकार कहीं आप तो नहींमुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

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Thursday, December 5, 2019

बक्सर हत्याकांडः पराली जलाने की आड़ में लड़की को जला दिया?- ग्राउंड रिपोर्ट

हैदराबाद में एक लड़की के साथ रेप और फिर जला कर मार देने की घटना को अभी हफ़्ते भर भी नहीं बीते थे कि बिहार से एक महिला को जलाने की ख़बर आई.

बक्सर पुलिस के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार 2 दिसंबर की रात 19-23 साल की एक महिला का अधजला शव इटाढ़ी थाना के अंदर कुकुढ़ा गांव से मिला.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़ पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप का ज़िक्र नहीं है.

इस महिला का शरीर काफ़ी जल चुका था. दोनों पैरों में केवल मोजे के साथ सैंडिल बचे रह गए थे. शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी.

बुधवार की सुबह जब हम बक्सर के कुकुढ़ा गांव में घटनास्थल के पास पहुंचे तब वहां शाहाबाद रेंज के डीआईजी और बक्सर के एसपी फॉरेंसिक टीम को लेकर दलबल के साथ पहुंचे थे.

जिस जगह महिला की हत्या की गई वह सुनसान खेतों के बीच का इलाक़ा था. सबसे नज़दीक का गांव कुकुढ़ा और सवनापुर था. दोनों की दूरी कम से कम डेढ़ किलोमीटर थी.

सबसे पहली हैरानी इस बात पर हुई कि खेतों में दिनदहाड़े पराली जलाई जा रही थी. पूरा बक्सर प्रशासन वहां मौजूद था.

बीते दिनों में बिहार में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बिहार सरकार की ओर से पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है तथा इसके लिए क़ानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है.,

पुलिस के अफसर मौजूद लोगों से पूछताछ कर रहे थे. मेटल डिटेक्टर से अगल-बगल के खेतों की जांच चल रही थी.

फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के लोग महिला के जले हुए अवशेषों से सैंपल इकट्टा कर रहे थे.

थोड़ी देर में पुलिस के अधिकारी और फॉरेंसिक विभाग की टीम घटनास्थल से सैम्पल्स लेकर लौट गई. गांव के पांच-छह लोगों को भी अपने साथ पूछताछ के लिए लेकर गई.

शाहाबाद रेंज के डीआईजी राकेश राठी ने बृहस्पतिवार को बीबीसी को बताया, "कल देर रात महिला के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आयी है. रिपोर्ट में रेप का जिक्र नहीं है. रेप को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. अब जब फॉरेंसिक विभाग की रिपोर्ट आएगी तभी हत्या के कारणों के बारे में पता लग सकेगा. अभी तक हमें कोई ठोस सुराग नहीं मिला है."

हालांकि डीआईजी राकेश ने भले ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि रिपोर्ट में रेप को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है.

लेकिन सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर बीएन चौबे ने दो दो बार मीडिया में ये बयान दिया , "जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया है, दुष्कर्म की बात नकारी नहीं जा सकती. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि महिला के शरीर के महत्वपूर्ण हिस्से जो पोस्टमार्टम के लिए जरूरी थे वो पहले से जल गए थे. इसलिए ज़रूरी नहीं कि पोस्टमार्टम से रेप की पुष्टि हो."

डॉ बीएन चौबे ने बीबीसी से कहा, "जिस तरह ये वारदात हुई है और जैसी बॉडी पोस्टमॉर्टम के लिए आई थी, उससे लगता है कि ये किसी एक आदमी का काम नहीं है. जहां तक बात पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की है तो जिस हालत में हमें शव मिला था, उसके पोस्टमॉर्टम के जरिए रेप या गैंगरेप साबित नहीं हो पाएगा. बहुत बुरी तरह जली थी लाश. हमने विसरा भी जांच के लिए लिया है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही पुष्टि हो पाएगी. लेकिन मैं फिर भी कहूंगा कि जैसी यह वारदात है, उससे रेप या गैंगरेप से इनकार नहीं किया जा सकता."