Monday, December 30, 2019

बब्बर शेर को क्रिसमस पर क्या तोहफ़ा मिला?

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब इन चार दोषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.

अब इन चार दो अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक मषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब इन चार दोषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

Friday, December 20, 2019

जामिया मामले पर शाहरुख़ से क्यों पूछे जा रहे हैं सवाल?

बॉलीवुड के किंग शाहरुख़ ख़ान को फ़िल्मों के साथ-साथ रोमांस का भी किंग कहा जाता है. कभी राज बनकर तो कभी राहुल बनकर अपनी ख़ास छवि छोड़ी है शाहरुख़ ख़ान ने.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

लेकिन इन दिनों उनकी चर्चा जामिया से जुड़े मामले को लेकर हो रही है. दरअसल, नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है लेकिन जामिया यूनिवर्सिटी में रविवार को इसे लेकर काफ़ी विवाद हुआ.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इस दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस पर बिना अनुमति प्रवेश कर छात्रों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई का आरोप लगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

राज कपूर की वो रूसी हीरोइन अब कहां हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

शाहरुख ख़ान ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के वर्तमान हालातों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है. जिसके चलते अब उनसे यह सवाल पूछा जाने लगा है कि वो इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इन सब के चलते बॉलीवुड इंडस्ट्री के कई और कलाकारों से ये सवाल-जवाब चल रहा है कि, वो चुप क्यों हैं?

रविवार को अक्षय कुमार से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के ख़िलाफ़ चल रहे प्रोटेस्ट से जुड़ा एक ट्वीट अनजाने में लाइक कर दिया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बाद में अक्षय ने इसे अनलाइक कर दिया, लेकिन वो ट्विटर यूज़र्स के निशाने पर बने हुए हैं. एक यूज़र ने अक्षय को बिना रीढ़ की हड्डी वाला इंसान तक कह डाला, जिसका समर्थन निर्देशक अनुराग कश्यप ने किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

जामिया यूनिवर्सिटी के कड़े विरोध प्रदर्शन के बाद और पुलिस द्वारा छात्रों के साथ ग़लत व्यवहार पर जनता के साथ-साथ बॉलीवुड सेलेब्रिटीज भी अपना ग़ुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

संगीतकार, गीतकार और निर्देशक विशाल भारद्वाज ने भी ट्वीट कर अफ़सोस जताया .मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट का भी समर्थन मिला है. एक्ट्रेस ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर कुछ फ़ोटो शेयर की हैं, जो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल भी हो रही हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली में स्थित भारत का एक प्रमुख सार्वजनिक विश्‍वविद्यालय है. शाहरुख़ ख़ान के अलावा जामिया यूनिवर्सटी की एलुमिनाई में फ़िल्म 83 के निर्देशक कबीर ख़ान, किरण राव, हबीब फ़ैसल, कास्टिंग निर्देशक- लवलीन टंडन, लेखक,अभिनेता, निर्देशक और निर्माता ज़ीशान क़ादरी जैसे बड़े-बड़े नाम शामिल हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

शाहरुख़ ख़ान के वर्कफ्रंट की बात करें तो वो आख़िरी बार 'ज़ीरो' फ़िल्म में नज़र आए थे. अभी वह स्टारप्लस के एक शो 'टेड टॉक' में नज़र आ रहे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बॉलीवुड के किंग शाहरुख़ ख़ान को फ़िल्मों के साथ-साथ रोमांस का भी किंग कहा जाता है. कभी राज बनकर तो कभी राहुल बनकर अपनी ख़ास छवि छोड़ी है शाहरुख़ ख़ान ने.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

लेकिन इन दिनों उनकी चर्चा जामिया से जुड़े मामले को लेकर हो रही है. दरअसल, नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है लेकिन जामिया यूनिवर्सिटी में रविवार को इसे लेकर काफ़ी विवाद हुआ.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इस दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस पर बिना अनुमति प्रवेश कर छात्रों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई का आरोप लगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

राज कपूर की वो रूसी हीरोइन अब कहां हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

शाहरुख ख़ान ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के वर्तमान हालातों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है. जिसके चलते अब उनसे यह सवाल पूछा जाने लगा है कि वो इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इन सब के चलते बॉलीवुड इंडस्ट्री के कई और कलाकारों से ये सवाल-जवाब चल रहा है कि, वो चुप क्यों हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

रविवार को अक्षय कुमार से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के ख़िलाफ़ चल रहे प्रोटेस्ट से जुड़ा एक ट्वीट अनजाने में लाइक कर दिया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बाद में अक्षय ने इसे अनलाइक कर दिया, लेकिन वो ट्विटर यूज़र्स के निशाने पर बने हुए हैं. एक यूज़र ने अक्षय को बिना रीढ़ की हड्डी वाला इंसान तक कह डाला, जिसका समर्थन निर्देशक अनुराग कश्यप ने किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

जामिया यूनिवर्सिटी के कड़े विरोध प्रदर्शन के बाद और पुलिस द्वारा छात्रों के साथ ग़लत व्यवहार पर जनता के साथ-साथ बॉलीवुड सेलेब्रिटीज भी अपना ग़ुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

संगीतकार, गीतकार और निर्देशक विशाल भारद्वाज ने भी ट्वीट कर अफ़सोस जताया .मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट का भी समर्थन मिला है. एक्ट्रेस ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर कुछ फ़ोटो शेयर की हैं, जो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल भी हो रही हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली में स्थित भारत का एक प्रमुख सार्वजनिक विश्‍वविद्यालय है. शाहरुख़ ख़ान के अलावा जामिया यूनिवर्सटी की एलुमिनाई में फ़िल्म 83 के निर्देशक कबीर ख़ान, किरण राव, हबीब फ़ैसल, कास्टिंग निर्देशक- लवलीन टंडन, लेखक,अभिनेता, निर्देशक और निर्माता ज़ीशान क़ादरी जैसे बड़े-बड़े नाम शामिल हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

शाहरुख़ ख़ान के वर्कफ्रंट की बात करें तो वो आख़िरी बार 'ज़ीरो' फ़िल्म में नज़र आए थे. अभी वह स्टारप्लस के एक शो 'टेड टॉक' में नज़र आ रहे हैं. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

Friday, December 13, 2019

पासपोर्ट विवाद: कमल क्या वाक़ई भारत का राष्ट्रीय पुष्प है?

भारतीय विदेश मंत्रालय ने नए भारतीय पासपोर्टों पर कमल का निशान होने के बारे में सफ़ाई देते हुए कमल को देश का राष्ट्रीय पुष्प बताया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पासपोर्ट पर कमल का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में भी उठा था जहाँ कांग्रेस सांसद एमके राघवन ने इसे 'भगवाकरण' की ओर एक और क़दम बताया और सरकार से सवाल किया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसके बाद विदेश मंत्रालय ने सफ़ाई दी है मगर क्या कमल वाक़ई भारत का राष्ट्रीय फूल है?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अपनी प्रेस वार्ता में ये स्पष्टीकरण दिया -मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

"मुझे लगा कि शायद ये स्पष्टीकरण आ गया है...नहीं? देखिए...मैंने भी रिपोर्ट्स ऐसी देखी हैं. देखिए...ये जो सिंबल है...ये सिंबल क्या है? ये सिंबल हमारे राष्ट्रीय पुष्प का है और ये विकसित सुरक्षा फ़ीचर का हिस्सा है. ये फ़र्जी पासपोर्ट्स का पता लगाने के लिए किया गया है...और ये हम बताना नहीं चाहते थे लेकिन चूंकि सवाल आया है तो हमें बताना पड़ रहा है. और ये जो सुरक्षा फ़ीचर्स हैं, नए सुरक्षा फ़ीचर्स हैं, ये इंटरनेशन सिविल एविएशन ऑर्गनाइज़ेशन (ICAO) के दिशा निर्देशों के अनुसार ही लाए गए हैं. और मैं ये भी बता दूं कि कमल के अलावा और भी राष्ट्रीय प्रतीक हैं जो बारी-बारी से इस्तेमाल किए जाएंगे. जैसे कि एक बाघ का सिंबल है. अभी कमल है तो अगले महीने कुछ और आएगा फिर कुछ और आएगा...ये सब प्रतीक बिना किसी निश्चित क्रम के आते रहेंगे. इसमें वो सारे वही प्रतीक हैं जो भारत से जुड़े हुए हैं. जैसे राष्ट्रीय पुष्प हो सकता है, राष्ट्रीय पशु हो सकता है."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

रवीश कुमार ने जो सफ़ाई दी उसके हिसाब से कमल भारत का राष्ट्रीय पुष्प है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

एनसीईआरटी, यूजीसी और भारत सरकार से जुड़ी वेबसाइटों पर भी ऐसा ही बताया जाता रहा है लेकिन इस बारे में कुछ ख़ास स्पष्टता नहीं है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसी साल जुलाई महीने में बीजू जनता दल के राज्यसभा प्रसन्न आचार्य गृह मंत्रालय में राज्यमंत्री से सदन में इसी से जुड़े तीन सवाल पूछे थे:मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

-भारत के राष्ट्रीय पशु, पक्षी और पुष्प कौन से हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

-क्या इस सम्बन्ध में भारत सरकार या किसी अन्य सक्षम प्राधिकरण द्वारा कोई अधिसूचना जारी की गई है?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

-यदि हां, तो अधिसूचना का ब्योरा क्या है?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

- यदि नहीं, तो यूजीसी, एनसीईआरटी और भारत सरकार पोर्टल किस प्रावधान के अन्तर्गत राष्ट्रीय पशु, राष्ट्रीय पक्षी और राष्ट्रीय पुष्प के नाम प्रकाशित कर रहे हैं?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसके जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने ये कहा - "पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 'बाघ'और 'मोर'को क्रमश: राष्ट्रीय पशु और राष्ट्रीय पक्षी के रूप में अधिसूचित किया गया है लेकिन राष्ट्रीय पुष्प के सम्बन्ध में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है.राष्ट्रीय पुष्प के बारे में सम्बन्धित संगठनों से जानकारी एकत्रित की जा रही है और सदन के पटल पर रख दी जाएगी."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

साल 2017 में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आरटीआई एक्टिविस्ट और छात्रा ऐश्वर्या पराशर ने पर्यावरण और वन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले बोटैनिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया से पूछा था कि क्या कमल को भारत का राष्ट्रीय पुष्प घोषित किया गया है?मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसके जवाब में उन्हें बताया गया था कि बोटैनिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया ने कभी कमल को भारत का राष्ट्रीय पुष्प नहीं घोषित किया गया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वहीं भारत सरकार से जुड़ी वेबसाइट knowindia.gov.in पर कमल को भारत का राष्ट्रीय पुष्प बताया गया है. स्कूली किताबों में भी कमल को ही भारत का राष्ट्रीय पुष्प बताया गया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

ये भी पढ़ें: इन पांच 'राष्ट्रीय भ्रमों' के शिकार कहीं आप तो नहींमुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

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Thursday, December 5, 2019

बक्सर हत्याकांडः पराली जलाने की आड़ में लड़की को जला दिया?- ग्राउंड रिपोर्ट

हैदराबाद में एक लड़की के साथ रेप और फिर जला कर मार देने की घटना को अभी हफ़्ते भर भी नहीं बीते थे कि बिहार से एक महिला को जलाने की ख़बर आई.

बक्सर पुलिस के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार 2 दिसंबर की रात 19-23 साल की एक महिला का अधजला शव इटाढ़ी थाना के अंदर कुकुढ़ा गांव से मिला.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़ पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप का ज़िक्र नहीं है.

इस महिला का शरीर काफ़ी जल चुका था. दोनों पैरों में केवल मोजे के साथ सैंडिल बचे रह गए थे. शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी.

बुधवार की सुबह जब हम बक्सर के कुकुढ़ा गांव में घटनास्थल के पास पहुंचे तब वहां शाहाबाद रेंज के डीआईजी और बक्सर के एसपी फॉरेंसिक टीम को लेकर दलबल के साथ पहुंचे थे.

जिस जगह महिला की हत्या की गई वह सुनसान खेतों के बीच का इलाक़ा था. सबसे नज़दीक का गांव कुकुढ़ा और सवनापुर था. दोनों की दूरी कम से कम डेढ़ किलोमीटर थी.

सबसे पहली हैरानी इस बात पर हुई कि खेतों में दिनदहाड़े पराली जलाई जा रही थी. पूरा बक्सर प्रशासन वहां मौजूद था.

बीते दिनों में बिहार में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बिहार सरकार की ओर से पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है तथा इसके लिए क़ानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है.,

पुलिस के अफसर मौजूद लोगों से पूछताछ कर रहे थे. मेटल डिटेक्टर से अगल-बगल के खेतों की जांच चल रही थी.

फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के लोग महिला के जले हुए अवशेषों से सैंपल इकट्टा कर रहे थे.

थोड़ी देर में पुलिस के अधिकारी और फॉरेंसिक विभाग की टीम घटनास्थल से सैम्पल्स लेकर लौट गई. गांव के पांच-छह लोगों को भी अपने साथ पूछताछ के लिए लेकर गई.

शाहाबाद रेंज के डीआईजी राकेश राठी ने बृहस्पतिवार को बीबीसी को बताया, "कल देर रात महिला के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आयी है. रिपोर्ट में रेप का जिक्र नहीं है. रेप को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. अब जब फॉरेंसिक विभाग की रिपोर्ट आएगी तभी हत्या के कारणों के बारे में पता लग सकेगा. अभी तक हमें कोई ठोस सुराग नहीं मिला है."

हालांकि डीआईजी राकेश ने भले ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि रिपोर्ट में रेप को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है.

लेकिन सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर बीएन चौबे ने दो दो बार मीडिया में ये बयान दिया , "जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया है, दुष्कर्म की बात नकारी नहीं जा सकती. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि महिला के शरीर के महत्वपूर्ण हिस्से जो पोस्टमार्टम के लिए जरूरी थे वो पहले से जल गए थे. इसलिए ज़रूरी नहीं कि पोस्टमार्टम से रेप की पुष्टि हो."

डॉ बीएन चौबे ने बीबीसी से कहा, "जिस तरह ये वारदात हुई है और जैसी बॉडी पोस्टमॉर्टम के लिए आई थी, उससे लगता है कि ये किसी एक आदमी का काम नहीं है. जहां तक बात पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की है तो जिस हालत में हमें शव मिला था, उसके पोस्टमॉर्टम के जरिए रेप या गैंगरेप साबित नहीं हो पाएगा. बहुत बुरी तरह जली थी लाश. हमने विसरा भी जांच के लिए लिया है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही पुष्टि हो पाएगी. लेकिन मैं फिर भी कहूंगा कि जैसी यह वारदात है, उससे रेप या गैंगरेप से इनकार नहीं किया जा सकता."

Monday, November 25, 2019

香港区议会选举民主派大胜 林郑月娥称会“认真反思”

截至今天中午12时45分,452个选区点票完毕,全部结果出炉。被视为泛民主派的候选人取得超过385席,是香港主权移交以来最多。建制派取得59席,相比上次区选的292席大幅缩水。

许多泛民主派当选人认为,结果反映香港市民强烈要求政府答应近月示威浪潮的“五大诉求”,而建制派认为区议会主要处理地区民生事务,但选举结果显示这方面的工作已经不能保证选情。

在这次香港区议会选举中,许多知名的建制派人物都落选,包括被视为“激进建制派”的立法会议员何君尧、香港最大亲北京政党民建联两名副主席张国钧和周浩鼎。另外,中国全国人民代表大会香港区代表田北辰也在竞逐连任中失败。

泛民主派在这次选举中,在全香港18个区议会大多取得过半数议席,泛民议员预料可以在这些议会成为主席。另外,分析也预期他们会全数控制负责选举香港特首的选举委员会预留给区议员的117席,将成为这个有1200名成员的委员会其中一个具影响力的组群。

这次区议会创下多个香港选举纪录,包括有约294万名选民参加,投票率达71.2%,是主权移交以来最高。泛民主派也首次在区议会取得超过一半议席。

多次举办反对《逃犯条例》修例的“民阵”召集人岑子杰胜选,在接受访问时形容投票结果是“民意如山”,希望林郑月娥“把握这个机会,顺应民意”,落实示威者的“五大诉求”。

亲北京建制派的工联会梁美芬认为,政府的施政令选民不满是建制派落败的其中一个原因,但建制派候选人在选举期间遇到的不公平对待也是原因。她又认为,结果显示香港的投票已经变成“立场先行”的选举,而不是以每名议员的工作表现为标准,因此令建制派选情受挫。

亲北京政党民建联副主席陈克勤说,他留意到有人在投票后重复排队,制造轮候投票时间长的假象,令一些不愿意久候的选民却步。陈克勤没有给出具体个案,但选举管理委员会主席冯骅说,故意阻碍其他人投票是违规行为,如果有切实证据有采取行动执法。

何君尧在连任区议员失败后在社交网站发表文章,形容今年“选举非常”,结果亦“异常”,但没有详细解释。

建制派第一大党民建联在此次区选中派出181人参选,只有21人成功当选。相比上届丢掉过百席位。民建联主席李慧琼虽然保住自己的区议员席位,但在25日还是因整体选情受挫而向市民致歉,并向民建联特别中委会引咎辞职,中委会最终挽留。

Thursday, November 21, 2019

कश्मीर में आरटीआई कार्यकर्ता को दो दिन बताकर तीन महीने तक हिरासत में रखा: प्रेस रिव्यू

कश्मीर में एक आरटीआई कार्यकर्ता को यह बताकर गिरफ़्तार किया गया था कि उन्हें बस "कुछ दिनों के लिए" हिरासत में लेने के आदेश हैं तो उन्होंने बच्चों को यह बताने के लिए कहा कि वह एक ट्रैक पर गए हैं और जल्द ही वापस आएंगे.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार जब एसएचओ ने 5 अगस्त को सुबह 3 बजे राजा मुज़फ़्फ़र भट के घर का दरवाजा खटखटाया और उन्हें बताया कि उन्हें बडगाम के स्थानीय चौराहा पुलिस स्टेशन में "कुछ दिनों के लिए" उन्हें हिरासत में लेने के आदेश हैं, तो आरटीआई कार्यकर्ता ने अपनी पत्नी और माता-पिता सेअपने दो बच्चों को यह बताने के लिए कहा कि वह एक ट्रैक पर गए हैं और जल्द ही वापस आएंगे.

लेकिन लगभग तीन महीने होने से थोड़ा पहले ही वह "ट्रैक" से लौटे. भट को 28 अक्टूबर को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में नज़रबंदी से रिहा किया गया था.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को संसद में बताया कि 4 अगस्त के बाद से अब तक जम्मू-कश्मीर में 5,161 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि राज्य में हालात बिल्कुल सामान्य हैं और स्थानीय प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर जब सही समय होगा इंटरनेट सेवाएं बहाल की जाएंगी.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर गृह मंत्रालय ने चार अगस्त से लेकर अभी तक कश्मीर में शांति भंग करने वाले, देश की सुरक्षा के लिए हानिकारक गतिविधियों को रोकने एवं कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 5161 निवारक गिरफ्तारियां की गईं. इससे एक दिन बाद ही सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करते हुए राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया था.

यह भी बताया गया है कि इनमें से, 609 लोग अभई भी हिरासत में हैं जिनमें से लगभग 218 पत्थरबाज हैं. सूत्रों के अनुसार यह डेटा केवल निवारक गिरफ्तारी का है कुल गिरफ्तारियां बहुत अधिक होंगी.

जनसत्ता की खबर के अनुसार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तर्कवादी नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या मामले में आरोपी संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे के खिलाफ बुधवार को पुणे की कोर्ट में सप्लिमेंट्री चार्जशीट (पूरक आरोप पत्र) दाख़िल की है. भावे यरवदा जेल में न्यायिक हिरासत में है जबकि वकील पुनालेकर ज़मानत पर बाहर है.

दाभोलकर की साल 2013 में अज्ञात बंदूकधारियों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी जब वह सुबह की सैर पर निकले थे. अब तक इस मामले पांच लोगों के खिलाफ चार्ज़शीट दाख़िल की जा चुकी है.

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने एनआरसी मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए धर्म के आधार पर एनआरसी में भेदभाव किए जाने की आशंका को ख़ारिज किया है. साथ ही गृहमंत्री ने कहा कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और असम की तरह इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा.

उन्होंने कहा यह एक प्रक्रिया है जिससे देश के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें. उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की ज़रूरत नहीं है गृहमंत्री ने यह भी कहा कि एनआरसी अलग प्रक्रिया है और नागरिकता संशोधन विधेयक अलग व्यवस्था है. इसे एक साथ नहीं रखा जा सकता.

नवभारत टाइम्स के मुताबिक असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने हाल में जारी एनआरसी को ख़ारिज किये जाने का केन्द्र से अनुरोध किया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता सरमा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अद्यतन की गई एनआरसी में कई खामियां है क्योंकि एनआरसी के तत्कालीन राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने इस कवायद को ''एकतरफ़ा'' तरीके से चलाया था.

दैनिक भास्कर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार से 4 हफ्तों में सबरीमाला मामले में नया क़ानून बनाने के लिए कहा है. बुधवार को पंडलम राजघराने की याचिका पर सुनवाई करते हुए तीन सदस्यों वाली बेंच ने यह आदेश दिया है.

इस पर राज्य सरकार के वकील ने कहा कि मंदिरों के प्रबंधन के लिए अलग क़ानून बनाया जा रहा है.

साथ ही मंदिरों की सलाहकार समिति में महिलाओं को शामिल करने की बात भी कही है. इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई जनवरी, 2020 में करने का आदेश दिया.

Tuesday, October 22, 2019

अभिजीत बनर्जी पीएम से मिलने के बाद बोले- मोदी ने बताया कि वो देश को लेकर कैसे सोचते हैं

इस साल के अर्थशास्त्र के नोबेल विजेता प्रोफ़ेसर अभिजीत बनर्जी की मुलाक़ात नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई. पीएम मोदी ने अभिजीत बनर्जी से मुलाक़ात की तस्वीर डाली है.

इस तस्वीर को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा है, "नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से बेहतरीन मीटिंग हुई. मानव सशक्तीकरण के प्रति उनकी धुन स्पष्ट रूप से सबके सामने है. कई विषयों पर बनर्जी से विस्तार में चर्चा हुई. अभिजीत की उपबल्धि पर भारत को गर्व है. भविष्य के लिए उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं."

पीएम मोदी से मुलाक़ात के बाद अभिजीत बनर्जी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "मुझे पीएम मोदी से मिलने का सौभाग्य हासिल हुआ. प्रधानमंत्री ने मुझे पर्याप्त वक़्त दिया और उन्होंने बताया कि वो भारत के बारे में क्या सोचते हैं."

अभिजीत ने कहा, "मोदी देश के बारे में जो सोचते हैं वो बिल्कुल अलग है. पीएम ने अपनी नीतियों को लेकर बात की. वो चीज़ों को कैसे लागू कर रहे हैं इस पर भी बात की. पीएम ने बताया कि कैसे ज़मीन पर शासन में अभिजनों का नियंत्रण था. मोदी ने ये भी बताया कि वो कैसे ब्यूरोक्रेसी में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं. भारत के लिए यह बहुत अहम है कि अधिकारी लोगों के प्रति ज़िम्मेदार बनें. इस बेहतरीन मुलाक़ात के लिए पीएम मोदी को शुक्रिया."

2016 में जब पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की तो अभिजीत बनर्जी ने इसे मूर्खतापूर्ण क़दम बताया था. इसके साथ ही बनर्जी ने भारत में आर्थिक वृद्धि मापने के तरीक़ो की भी आलोचना करते हुए डेटा को संदिग्ध बताया था.

अभिजीत बनर्जी को नोबल मिला तो भारत सरकार की तरफ़ से कोई गर्मजोशी भरी प्रतिक्रिया नहीं आई थी. यहां तक कि रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अभिजीत बनर्जी को वामपंथी विचारधारा वाला बताया और कहा कि उनके आइडिया को भारत की जनता ने ख़ारिज कर दिया है.

अभिजीत बनर्जी ने 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस के घोषणापत्र बनाने में न्याय स्कीम को लेकर मदद की थी, जिसमें देश के सबसे ग़रीब 20 फ़ीसदी परिवारों के खाते में हर साल 72 हज़ार रुपए ट्रांसफर करने का वादा था.

लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस आम चुनाव में बुरी तरह से हार गई थी. इसी को लेकर अभिजीत बनर्जी पर निशाना साधते हुए पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत की जनता ने उनके आइडिया को नकार दिया है.

अभिजीत बनर्जी ने बीबीसी संवाददाता अरुणोदय मुखर्जी को दिए इंटरव्यू में पीयूष गोयल की टिप्पणी पर कहा कि उन्हें बुरा लगा. अभिजीत ने कहा, "हां, बुरा तो लगा, लेकिन इसलिए नहीं कि मेरे ख़िलाफ़ कुछ बोला गया. बल्कि इसलिए बुरा लगा कि जब देश को प्रोफ़ेशनल्स ज़रूरत है तो उनका इस्तेमाल करना चाहिए."

क्या अभिजीत भारत में आना चाहेंगे? इस पर उन्होंने कहा, "अगर लगे कि देश को ज़रूरत है तो सलाह मैं देने के लिए तैयार हूं लेकिन अभी नौकरी छोड़कर या बच्चों को छोड़कर यहां आना मुश्किल है. जो रघुराम राजन ने किया वो एक तरह से त्याग किया था."

पीयूष गोयल बाक़ी मीडिया को दिए जवाब में अभिजीत बनर्जी ने कहा था, "मुझे लगता है कि इस तरह की टिप्पणी से कोई मदद नहीं मिलेगी. मुझे अपने काम के लिए नोबेल मिला है और उन्हें मेरे काम पर सवाल खड़ा करने से कुछ भी हासिल नहीं होगा. अगर बीजेपी भी कांग्रेस पार्टी की तरह अर्थशास्त्र को लेकर सवाल पूछेगी तो क्या मैं सच नहीं बताऊंगा? मैं बिल्कुल सच बताऊंगा."

उन्होंने कहा, "मैं एक प्रोफ़ेशनल हूं तो सभी के लिए हूं. किसी ख़ास पार्टी के लिए नहीं हूं. अर्थव्यवस्था को लेकर जो मेरी समझ है वो पार्टी के हिसाब से नहीं बदलेगी. अगर कोई मुझसे सवाल पूछेगा तो मैं उसके सवाल पूछने के मक़सद पर सवाल नहीं खड़ा करूंगा. मैं उन सवालों का जवाब दूंगा."

अभिजीत ने कहा था, "मैंने भारत में कई राज्य सरकारों के साथ काम किया है. इसमें बीजेपी की भी सरकारें हैं. मैंने गुजरात में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर काम किया है. तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे और मेरा तब का अनुभव बहुत बढ़िया रहा था. मुझे उस वक़्त किसी राजनीतिक व्यक्ति के तौर पर नहीं देखा गया था बल्कि एक विशेषज्ञ के तौर पर लिया गया और उन्होंने उन नीतियों को लागू भी किया था. मैं एक प्रोफ़ेशनल हूं तो वही हूं और ऐसा सबके लिए हूं. मैंने हरियाणा में खट्टर के साथ भी काम किया है."

Tuesday, October 8, 2019

В 60 городах мира идут протесты Extinction Rebellion. В Лондоне задержано более 200 человек

В Лондоне и других городах мира начались протесты экоактивистов, которые, как ожидается, продлятся две недели. В первый же день лондонская полиция задержала более 200 человек.

Протестные акции организации Extinction Rebellion посвящены борьбе с изменениями климата. Они проходят во многих крупных городах, включая Берлин, Амстердам и Сидней.

В Лондоне демонстранты пытаются протестовать у правительственных зданий и блокировать основные правительственные объекты в центре города.

Extinction Rebellion утверждает, что нынешние протесты будут в пять раз масштабнее аналогичной акции, проходившей в апреле. Тогда полиция задержала более 1100 человек.

Протесты начались рано утром. В центральном лондонском районе Вестминстер участники забаррикадировались в автомобилях.

Полицейским пришлось вырезать двух протестующих из автомобиля, перекрывшего движение по набережной Темзы.

У здания министерства обороны демонстранты закрылись в муляже крылатой ракеты "Трайдент".

Между тем сотни человек собрались на Трафальгарской площади, перекрыв затем Ламбетский и Вестминстерский мосты через Темзу. Они намерены блокировать дороги у здания парламента и правительственных зданий.

Представитель лондонской полиции сообщил, что к 12:30 были задержаны 135 участников протеста. Экоактивисты утверждают, что среди них 81-летняя женщина.

Движение Extinction Rebellion, образованное в 2018 году, требует, чтобы правительства объявили чрезвычайную ситуацию из-за состояния климата и экологии и приняли немедленные действия для борьбы с глобальным потеплением.

Организаторы движения ожидают, что в двухнедельных протестах в Лондоне примут участие до 30 тыс. человек.

Протесты Extinction Rebellion также проходят в 60 других городах по всему миру. Полиция Австралии и Новой Зеландии задержала десятки активистов. В Сиднее 30 демонстрантам предъявили обвинения в нарушениях, когда они перекрыли автостраду.

Tuesday, October 1, 2019

Мосгорсуд изменил приговор актеру Павлу Устинову. Он получил условный срок

Мосгорсуд изменил приговор актеру Павлу Устинову, осужденному на 3,5 года колонии общего режима по обвинению в применении насилия к сотруднику Росгвардии на протестной акции в Москве 3 августа, передает корреспондент Би-би-си из зала суда. Реальный срок лишения свободы ему заменили на условный.

Согласно пересмотренному вердикту, Устинов приговорен к одному году условно. В ходе рассмотрения апелляции суд согласился изменить категорию преступления, вменяемого обвиняемому, с тяжкого на средней тяжести.

При этом жалобы адвокатов, которые просили отменить приговор в связи с невиновностью их подзащитного, суд отклонил - актер все равно признан виновным. Защита осталась недовольна таким исходом и пообещала обжаловать и новое решение суда.

С таким же заявлением выступил и сам Устинов. Он сказал, что нормально относится к росгвардии, но считает действия ее сотрудников нарушением и будет добиваться своего оправдания.

Заседание началось с просмотра видеозаписей задержания Устинова, которые Мосгорсуд приобщил к делу. В ходе предыдущих процессов судья отказывался изучать видео с места задержания.

Согласно выводам экспертизы, подтверждений захвата Устиновым плеча сотрудника Росгвардии найдено не было, сообщила судья на заседании в понедельник.

Сотрудник Росгвардии Александр Лягин, проводивший задержание актера, заявил, что Устинов оказывал ему сопротивление, но при этом выступил против того, чтобы наказывать актера реальным тюремным сроком.

Tuesday, September 24, 2019

Скандал с опасным лекарством во Франции дошел до суда. Фармкомпанию

Во Франции начался громкий судебный процесс над фармацевтическим гигантом Servier, которого обвиняют в непредумышленном убийстве из-за препарата для больных диабетом с избыточным весом. Суду предстоит выяснить, несет ли ответственность фармкомпания за смерти по меньшей мере 500 человек, принимавших Mediator.

Как утверждает сторона обвинения, Servier не предупреждала пациентов о побочных эффектах и возможном летальном исходе от приема препарата. Mediator, разработанный в середине 70-х годов, изначально предназначался для диабетиков, страдающих излишним весом. Позднее его стали выписывать всем желающим похудеть для подавления аппетита.

Авторы независимых исследований предполагают, что число умерших после приема Mediator может быть выше - до 2 тысяч человек. Лекарство не продается во Франции с 2009 года, на тот момент препарат был изъят из продажи в США, Испании и Италии.

Сама фармкомпания с цифрами не согласна и заявляет, что есть лишь три подтвержденных случая смерти из-за Mediator. В остальных случаях речь идет о других проблемах, от которых страдали пациенты, считает Servier. Компания также отрицает, что врала о побочных эффектах, говоря, что не знала о проблемах.

Помимо сотрудников гиганта фарминдустрии и ее девяти "дочек", на скамье подсудимых - несколько членов французского фармацевтического регулятора - Национального агентства по безопасности лекарственных средств (ANSM).

Суду предстоит также выяснить, почему лекарство так долго оставалось в свободной продаже, несмотря на появившиеся сомнения в безопасности препарата и предупреждения врачей о серьезных побочных эффектах задолго до его запрета. Процесс, в котором принимают участие 2600 истцов, 21 ответчик, 376 адвокатов и сотни свидетелей, продлится до апреля 2020 года.

Адвокаты истцов заявляют, что компания десятилетиями намеренно вводила пациентов в заблуждение, чему потакали регуляторы.

Servier также обвиняется в том, что компания заработала не менее миллиарда евро на продаже этого лекарства.