Tuesday, October 22, 2019

अभिजीत बनर्जी पीएम से मिलने के बाद बोले- मोदी ने बताया कि वो देश को लेकर कैसे सोचते हैं

इस साल के अर्थशास्त्र के नोबेल विजेता प्रोफ़ेसर अभिजीत बनर्जी की मुलाक़ात नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई. पीएम मोदी ने अभिजीत बनर्जी से मुलाक़ात की तस्वीर डाली है.

इस तस्वीर को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा है, "नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से बेहतरीन मीटिंग हुई. मानव सशक्तीकरण के प्रति उनकी धुन स्पष्ट रूप से सबके सामने है. कई विषयों पर बनर्जी से विस्तार में चर्चा हुई. अभिजीत की उपबल्धि पर भारत को गर्व है. भविष्य के लिए उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं."

पीएम मोदी से मुलाक़ात के बाद अभिजीत बनर्जी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "मुझे पीएम मोदी से मिलने का सौभाग्य हासिल हुआ. प्रधानमंत्री ने मुझे पर्याप्त वक़्त दिया और उन्होंने बताया कि वो भारत के बारे में क्या सोचते हैं."

अभिजीत ने कहा, "मोदी देश के बारे में जो सोचते हैं वो बिल्कुल अलग है. पीएम ने अपनी नीतियों को लेकर बात की. वो चीज़ों को कैसे लागू कर रहे हैं इस पर भी बात की. पीएम ने बताया कि कैसे ज़मीन पर शासन में अभिजनों का नियंत्रण था. मोदी ने ये भी बताया कि वो कैसे ब्यूरोक्रेसी में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं. भारत के लिए यह बहुत अहम है कि अधिकारी लोगों के प्रति ज़िम्मेदार बनें. इस बेहतरीन मुलाक़ात के लिए पीएम मोदी को शुक्रिया."

2016 में जब पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की तो अभिजीत बनर्जी ने इसे मूर्खतापूर्ण क़दम बताया था. इसके साथ ही बनर्जी ने भारत में आर्थिक वृद्धि मापने के तरीक़ो की भी आलोचना करते हुए डेटा को संदिग्ध बताया था.

अभिजीत बनर्जी को नोबल मिला तो भारत सरकार की तरफ़ से कोई गर्मजोशी भरी प्रतिक्रिया नहीं आई थी. यहां तक कि रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अभिजीत बनर्जी को वामपंथी विचारधारा वाला बताया और कहा कि उनके आइडिया को भारत की जनता ने ख़ारिज कर दिया है.

अभिजीत बनर्जी ने 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस के घोषणापत्र बनाने में न्याय स्कीम को लेकर मदद की थी, जिसमें देश के सबसे ग़रीब 20 फ़ीसदी परिवारों के खाते में हर साल 72 हज़ार रुपए ट्रांसफर करने का वादा था.

लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस आम चुनाव में बुरी तरह से हार गई थी. इसी को लेकर अभिजीत बनर्जी पर निशाना साधते हुए पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत की जनता ने उनके आइडिया को नकार दिया है.

अभिजीत बनर्जी ने बीबीसी संवाददाता अरुणोदय मुखर्जी को दिए इंटरव्यू में पीयूष गोयल की टिप्पणी पर कहा कि उन्हें बुरा लगा. अभिजीत ने कहा, "हां, बुरा तो लगा, लेकिन इसलिए नहीं कि मेरे ख़िलाफ़ कुछ बोला गया. बल्कि इसलिए बुरा लगा कि जब देश को प्रोफ़ेशनल्स ज़रूरत है तो उनका इस्तेमाल करना चाहिए."

क्या अभिजीत भारत में आना चाहेंगे? इस पर उन्होंने कहा, "अगर लगे कि देश को ज़रूरत है तो सलाह मैं देने के लिए तैयार हूं लेकिन अभी नौकरी छोड़कर या बच्चों को छोड़कर यहां आना मुश्किल है. जो रघुराम राजन ने किया वो एक तरह से त्याग किया था."

पीयूष गोयल बाक़ी मीडिया को दिए जवाब में अभिजीत बनर्जी ने कहा था, "मुझे लगता है कि इस तरह की टिप्पणी से कोई मदद नहीं मिलेगी. मुझे अपने काम के लिए नोबेल मिला है और उन्हें मेरे काम पर सवाल खड़ा करने से कुछ भी हासिल नहीं होगा. अगर बीजेपी भी कांग्रेस पार्टी की तरह अर्थशास्त्र को लेकर सवाल पूछेगी तो क्या मैं सच नहीं बताऊंगा? मैं बिल्कुल सच बताऊंगा."

उन्होंने कहा, "मैं एक प्रोफ़ेशनल हूं तो सभी के लिए हूं. किसी ख़ास पार्टी के लिए नहीं हूं. अर्थव्यवस्था को लेकर जो मेरी समझ है वो पार्टी के हिसाब से नहीं बदलेगी. अगर कोई मुझसे सवाल पूछेगा तो मैं उसके सवाल पूछने के मक़सद पर सवाल नहीं खड़ा करूंगा. मैं उन सवालों का जवाब दूंगा."

अभिजीत ने कहा था, "मैंने भारत में कई राज्य सरकारों के साथ काम किया है. इसमें बीजेपी की भी सरकारें हैं. मैंने गुजरात में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर काम किया है. तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे और मेरा तब का अनुभव बहुत बढ़िया रहा था. मुझे उस वक़्त किसी राजनीतिक व्यक्ति के तौर पर नहीं देखा गया था बल्कि एक विशेषज्ञ के तौर पर लिया गया और उन्होंने उन नीतियों को लागू भी किया था. मैं एक प्रोफ़ेशनल हूं तो वही हूं और ऐसा सबके लिए हूं. मैंने हरियाणा में खट्टर के साथ भी काम किया है."

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